ससुर जी ने मेरे जमकर पेला

 ससुर जी ने पेल दिया 

मेरा नाम सोनाली है ये कहानी मेरी ओर मेरे ससुर की है एक दिन  मेरे ससुर मेरे से पता नहीं कैसे टच हो गए तब से वो मेरे दीवाने हो गए और मुझे चोदने  के बारे सोचने  लगे क्योंकि वो बार  बार मेरे कमरे आ जाते ओर मुझे पीछे से   देखते थे वो किसी न किसी बहाने से मुझे टच होते जिससे साफ पता चल रहा था कि  मेरी लेने की फिराक में है  मै भी चाहती थी क्योंकि मेरा पति हमेशा काम से बाहर रहता था और मेरी सास भी नहीं थी  अब मैं भी मौका देने लगी उनको कभी अपने बूब्स दिखा देती ब्लाउज से साड़ी उतार कर ऐसे ही एक दिन मौका मिल गया और घर पर कोई नहीं था हम दोनों अकेले थे और  मैं रूम में कपड़े बदल रही थीं और पीछे से मेरे ससुर आ गए  मेरा रूम खुला था और उन्होंने कुछ कहते हुए रूम में आते ही मुझे पीछे पकड़ लिया और बोले कि बहु मै तुमको एक बार चोदना चाहता हु मैने भी  विरोध नहीं किया और उनका साथ देने लगी क्योंकि मैने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था और मैं भी भूखी थी  

अब उन्होंने सबसे पहले मुझे पूरा नं*गा किया और फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और बहुत ध्यान से उन्होंने मेरे पूरे शरीर को देखा और उसके बाद बिस्तर पर मुझे लेटाकर वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगे और वो मेरे संतरो को दबाते हुए बार बार उसको चूस भी रहे थे.


फिर कुछ देर के बाद वो आचनक से नीचे आकर मेरी कामुक गुफा पर किस करने लगे और उसको चाटने भी लगे. दोस्तों में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती मुझे कैसा लग रहा था और कितना मज़ा आ रहा था?


में तो जैसे उस समय जन्नत में हूँ मुझे ऐसा महसूस हो रहा था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था और इसलिए में बोल पड़ी कि बाबूजी बस अब प्लीज आप जल्दी से मेरी प्यास को बुझा दो मुझे और ज्यादा मत तरसाओ. मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर वो तुरंत मेरे ऊपर आ गये और उन्होंने मेरे दोनों घुटनों को मोड़ दिया था.


अब उन्होंने अपने सामान को मेरी गुफा के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से एक ही बार में उनका पूरा मेरी गुफा की गहराईयों में चला गया और अब मेरे मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल गई आई रे में मर गइ प्लीज थोड़ा धीरे करो बाबूजी.


फिर बाबूजी ने धीरे धीरे धक्के देकर मेरी करना शुरू कर दिया और उसके बाद जो मुझे और बाबूजी हम दोनों को मज़ा आने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और में बता नहीं सकती.


फिर कुछ समय बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वाली हूँ तो में बोल पड़ी बाबूजी प्लीज अब जल्दी से करो में अब झड़ने वाली हूँ और में अब ज्यादा देर नहीं रुक सकती प्लीज. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर बाबूजी अब और भी तेज़ धक्के देने लगे थे और मेरे मुहं से एक तेज़ आवाज़ निकली आई में तो गइ सम्भालो मुझे बाबूजी में तो मर गई और फिर में इतना कहकर झड़ गई और बाबूजी भी बेटे बोलते हुए वो झड़ गए.


उन्होंने अपना पूरा रस मेरी गुफा में डालकर अपने सामान को अंदर बाहर करके एक दूसरे में मिला दिया और अब उनका रस मेरी गुफा रस के साथ बहकर बाहर आने लगा वो गरम गरम माल बहकर मेरी गोरी जांघो तक पहुंच गया.


फिर उसके बाद हम दोनों उठकर सीधे बाथरूम में नहाने के लिए चले गए और नहाने के बाद लाइट चली गई तो मैंने बाबूजी से बोला कि बाबूजी अब क्या करें? लाइट चली गई आप कपड़े पहनकर बाहर आ जाओ, तो बाबूजी ने बोला कि अरे में क्या पहनूं मेरे कपड़े गीले हो गए है और मुझे अँधेरे में दिखाई भी नहीं देगा, तो मैंने उनसे बोला कि आप एक काम करो, आप मेरे कपड़े पहन लो.

फिर बाबूजी बोले कि में तुम्हारे कपड़े कैसे पहन सकता हूँ?


मैंने उनसे बोला कि नहीं तो आपको लाईट आने तक नं*गे ही रहना होगा, तो वो बोले कि हाँ ठीक है उसके बाद उन्होंने मेरी स्कर्ट और टॉपर पहन लिया और वो बाहर आ गए और उसके बाद हम दोनों मेरे बेडरूम के अंदर चले गये और थोड़ी देर बाद लाइट आई तब मैंने देखा कि बेड की चादर के ऊपर बहुत सारा रस लगा हुआ था इसलिए मैंने वो चादर हटाकर में अलमारी से दूसरी चादर लेने के लिए गई और में चादर निकालने लगी.


फिर तभी उस चादर के साथ कुछ कपड़े भी नीच गिरे और मैंने देखा तो वो मेरी शादी का लाल जोड़ा था.

तब मुझसे मेरे ससुर जी ने पूछा कि बेटा क्या गिरा? तो मैंने उनसे बोला कि बाबूजी वो तो मेरी शादी का जोड़ा गिर गया है यह बात सुनकर ससुर जी ने मुझसे बोला कि तुम उसको बाहर ही रहने दो और फिर वो मुझसे बोले कि बहु एक बार में चाहता हूँ कि


तुम इन कपड़ो को मेरे लिए पहनो और एक बार फिर से नई दुल्हन की तरह सजकर मेरे सामने शरमाकर बैठो और उसके बाद हम दोनों सु*हा*गरात मनाए और फिर हम दोनों शादी भी करेंगे और फिर में तुमको मेरी दुल्हन बनाकर तुम्हारी बहुत जमकर करूंगा.

फिर मैंने उनसे बोला कि आज नहीं हम आगे का काम कल दोबारा से करेंगे तो हमे बड़ा मज़ा आएगा. मेरी बात को सुनकर वो बोले कि हाँ ठीक है.


दोस्तों उसके बाद हम दोनों ने एक बार फिर से ठुकाई के मज़े लिए और उसके बाद हम दोनों नं*गे ही थककर सो गए उसके बाद हम दोनों दूसरी सुबह 11 बजे सोकर उठे और फिर हमने चाय नाश्ता किया और दोपहर का खाना खाया और उसके बाद हम दोनों शाम की ठुकाई के लिए तैयारी करने लगे और फिर शाम को मुझे वो लाल जोड़ा पहनाकर मेरे ससुर जी ने मुझसे शादी करके मेरे साथ सु*हा*गरात मनाई उन्होंने मुझे बहुत जमकर पेला और मुझे अपनी ठुकाई से पूरी तरह से खुश कर दिया और हम दोनों ने बहुत मज़े किए, वो जब तक मेरे पास रहे,


 तो लगातार दिन रात जब भी उन्हें मौका मिलता वो मेरी करते रहे और इस तरह से में उनकी दूसरी बीवी और एक असली रखैल बन गई. उन्होंने मुझसे बहुत जमकर पेला और में उनके पेलने के तरीके से बहुत खुश हो गई, हर एक नये तरीके से उन्होंने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट किया और वो मज़ा वो सुख दिया जिसके लिए में इतने लंबे समय से तरस रही थी. में उनका साथ पाकर बहुत खुश थी.


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